कोरोना की रोकथाम और उससे उपजे हालात को लेकर देश के तमाम मुख्यमंत्रियों संग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज और कल, लगा तार दो दिन महामंथन करेंगे। माना यही जा रहा है कि इस बैठक के बाद केंद्र सरकार कोई सख्त कदम उठा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि 1 जून से शुरु हुए अनलॉक के पहले फेज में नए कोरोना मामलों की बाढ़ आ गई है। महामारी ने इन 16 दिनों में डबल-ट्रिपल स्पीड पकड़ ली है, क्योंकि लोग बहुत लापरवाही बरत रहे हैं। इसीलिए देश भर में यह आम धारणा बन रही है कि जल्दी ही अनलॉक-1 का खेल खत्म होने वाला है और पहले से ज्यादा सख्त लॉकडाउन लगने वाला है। यह धारणा देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से बन रही है।
लेकिन अगर अखबार इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट पर यकीन किया जाए तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री उनसे शहरी कंटेनमेंट ज़ोन में प्रतिबंधों में छूट न देने की बात कह सकते हैं। अख़बार ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा कि प्रधानमंत्री मुख्यमंत्रियों को यह निर्देश दे सकते हैं कि शहरी कंटेनमेंट ज़ोन में घर-घर जाकर टेस्ट किए जाएं और सोशल डिस्टेंसिंग, फ़ेस मास्क और दूसरे ज़रूरी एहतियात बरतने के लिए सख़्ती लाई जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार को फीडबैक मिला है कि बीते कुछ समय में कई राज्यों में स्थिति बिगड़ी है।
अख़बार से एक अधिकारी ने कहा, ”बैठक में प्रधानमंत्री मुख्यमंत्रियों से सुझाव मांग सकते हैं और उनके आधार पर एक कॉमन स्ट्रैटेजी बनाई जाएगी। फिर से पूरी तरह लॉकडाउन लागू करने की कोई योजना नहीं है। संक्रमण से बचने के लिए सबसे ज़रूरी है सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाया जाए।”
वैसे इसे लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं। हम और आप पहले ही लॉकडाउन के 68 दिन गुजार चुके हैं। अब अगर और कुछ दिन लग जाता है, तो वो भी काट लेंगे। आखिर जान है तो जहान है। और हां, मोदी है तो मुमकिन भी है।
