कोरोना: फ़िल्मों और सीरियल की शूटिंग शुरू मगर डरे हुए हैं कलाकार

कोरोना: फ़िल्मों और सीरियल की शूटिंग शुरू मगर डरे हुए हैं कलाकार


रज़ा मुराद

भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के ख़तरे और पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से मनोरंजन जगत बुरी तरह प्रभावित हुआ है. फ़िल्में, टेलीविज़न और वेब सीरीज़ की शूटिंग रुकी हुई हैं.
शूटिंग बंद हुए दो महीने से ज़्यादा का वक़्त हो गया है, लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार ने कुछ नए नियमों और शर्तों के साथ शूटिंग करने की इजाज़त दे दी है.
नए नियमों में कई बदलाव किये गए है. सबसे बड़ा बदलाव है कलाकारों के अभिनय करने की उम्र तय करना. अब 65 साल की उम्र के कलाकारों के लिए मनोरंजन जगत में काम करना मुश्किल हो रहा है.


नए नियम-कायदों से सब सहमत हैं लेकिन अपत्ति है तो बस इतनी की कलकारों को उम्र के दायरे में नहीं बंधा जाना चाहिए.

'वरिष्ठ नेता संसद जा सकते हैं तो कलाकार काम क्यों नहीं कर सकते?'

अभिनेता रज़ा मुराद ने बीबीसी से कहा कि वरिष्ठ कलाकारों के काम पर रोक लगाने का कोई मतलब नहीं है.

वो कहते हैं, ''हम किसी एथलीट या स्पोर्ट्समैन की तरह नहीं हैं कि एक उम्र के बाद हमारे काम में ढलान आता है और हम रिटायर हो जाएं. बड़े-बड़े खिलाड़ी 40 साल में रिटायर हो जाते हैं, लेकिन कलाकारों के साथ ये नहीं हैं. वो तो हर गुज़रते साल के साथ परिपक्व होते हैं. उनके काम में और निखार आता है. जहां तक सवाल है सीनियर होने का तो अमिताभ बच्चन 77 वर्ष के हैं और पूरी तरह से फ़िट हैं. ऐसे कई कलाकार हैं जैसे मैं, प्रेम चोपड़ा, किरण कुमार, रणजीत, शक्ति कपूर, अनुपम खेर, शबाना आज़मी हम सबके सब माशाल्लाह कितने फ़िट हैं."

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वो कहते हैं, "ये सवाल नहीं उठेगा कि जो 65 और उससे अधिक उम्र के सांसद हैं, वो अगले सत्र में न आएं. वो भी तो सीनियर सिटिज़न हैं. उन पर तो रोक नहीं लगी संसद में आने की. तो हम पर ये रोक क्यों लग रही है? हमें भी अपनी रोज़ी-रोटी कमाने का हक़ है. हम सिर्फ़ पैसों के लिए काम नहीं करते है. ये हमारा जुनून है. हमारे अंदर एक आग होती है काम करने की, तब तक जलती रहेगी जब तक हम ज़िंदा हैं."


'रोज़ी-रोटीकमाने का हक़ ना छीनें'

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अभिनेता रज़ा मुराद कहते हैं, "जितने भी लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं वो बच्चें हैं, नौजवान हैं और बुज़र्ग भी है और कई बुज़ुर्ग तो ठीक हो गए हैं. तो बजाय इसके कि आप हमें काम करने से रोकें, आप हमसे फ़िटनेस सर्टिफिकेट मांगिए, अगर फिटनेस सर्टिफ़िकेट एक सर्टिफ़ाइड डॉक्टर जारी कर देता है तो आप हमें काम करने दें."


रज़ा मुराद कहते हैं, " मैं दरख़्वास्त करूँगा हर किसी को अपनी रोज़ी-रोटी कमाने का हक़ है, हमें भी है. हम भी चार महीने से घर मैं बैठे हैं. हम ख़र्च करते जा रहे हैं, लेकिन हमारे पास कुछ आ नहीं रहा है. बात सिर्फ़ पैसों की नहीं है, बात काम करते रहने के हक़ की है. मैं यही दरख़्वास्त करूँगा कि इस फ़ैसले पर महाराष्ट्र सरकार फिर से सोचे."

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'शूटिंग शुरू होने की ख़बर ने डरा दिया है'

अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी बताती हैं, ''हाल ही में जब मुझे मेरे प्रोड्यूसर का फ़ोन आया शूटिंग के लिए तो मैंने हाँ कह दिया था. मैं इस वक़्त एक पॉपुलर शो "हप्पू की उल्टन पल्टन" के साथ जुड़ी हूँ. लेकिन दो महीने बाद जब शूटिंग शुरू होने जा रही है तो अब मुझे थोड़ा सा डर लगने लगा है. मुंबई के आंकड़े बढ़ रहे हैं और शूटिंग में बाकी लोग तो मास्क पहनते हैं. लेकिन हम एक्टर लोग तो एक्टिंग करते वक़्त मास्क नहीं लगाते. ये सोचकर दिल धक-धक सा हो रहा है. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने ये नियम जारी किया है तो कुछ सोच-समझकर ही ज़ारी किया होगा.''

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'कलाकरों पर रोक नहीं, उनका बीमा होना चाहिए'

हिमानी शिवपुरी मानती हैं कि सरकार को कलाकारों की उम्र पर ध्यान ना देते हुए बल्कि इस बात पर ज़ोर देना चाहिए कि कलाकरों का बीमा हो, जैसे विदेशों में होता है.
वो कहती हैं, 'हमारा जो कॉन्ट्रैक्ट है, हमेशा एक्टर और प्रोडक्शन चैनल के बीच एकतरफ़ा है. उसमें साफ़ लिखा होता है कि अगर आप बीमार पड़ गए या किसी दुर्घटना का शिकार हो गए तो ये उनकी ज़िम्मेदारी नहीं है. हाँ, अगर आपकी वजह से शूटिंग में कुछ हुआ तो आपको इतना करोड़ देना पड़ेगा. तो मुझे लगता है की सबसे पहले कलाकारों का बीमा होना चाहिए क्योंकि काम करते वक़्त अगर उन्हें चोट लगी तो वो जिस प्रोडक्शन हाउस या चैनल में काम कर रहा है, उसका फ़र्ज़ बनता है कि देखरेख करे.''

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'कलाकारों को समय पर सैलरी मिले ये ज़रूरी है'

हिमानी शिवपुरी कलाकारों को समय पर पैसे ना मिलने का मुद्दा उठाती हैं.
वो कहती हैं, ''मुझे लगता है कि एक्टर्स को रॉयल्टी मिलनी चाहिए जैसे विदेशों में मिलती है. मैं हमेशा कहती हूँ कि कलाकार महिमामंडित बंधुआ मज़दूर हैं. वो काम करते हैं तो ही पैसे मिलते हैं. सलमान खान, शाहरुख़ खान या अक्षय कुमार ये अलग कैटेगरी है. हम जैसे जो नार्मल आर्टिस्ट हैं, हम जब काम करते हैं तभी हमको पैसे मिलते हैं. कुछ सालों से नियम बनाया है कि 90 दिनों के बाद मिलेगा और वो 90 दिन नहीं रहता है तो बढ़कर कभी 120 हो जाता है तो कभी 180 दिन हो जाता है. सीरियल जब बंद हो जाता है तब तो डर से आधे टाइम तो प्रोड्यूसर आपको पैसे नहीं देते और फिर देते भी हैं तो काटकर देते हैं. ये सब बदलना चाहिए. कलाकारों को समय पर सैलरी मिले ये ज़रूरी है."


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'पैसे ख़त्म हो रहे हैं, सबका यही हाल है'

जाने-माने भजन गायक और अभिनेता अनूप जलोटा कहते हैं कि कलाकारों को किसी उम्र के दायरे में नहीं बाँधा जा सकता है.
उन्होंने बीबीसी से कहा, ''ये काम ऐसा है कि इसमें उम्र के हिसाब से रोल तय होते हैं. स्क्रिप्ट में कोई 80 साल का आदमी दिखाना है तो वो नैचुरल तभी होता है जब वो उस उम्र के आसपास का व्यक्ति हो. इस तरह की बंदिश लगाना मेरे हिसाब से ठीक नहीं है. आप ये कह दीजिये कि भाई घूमने-फिरने बाहर मत निकलो और मॉल में मत जाओ. ये चीज़ें तो समझ में आती हैं लेकिन जहां पर एक फ़िल्म का काम हो तो उसे तो नहीं रोका जाना चाहिए.''
वो कहते हैं, "लॉकडाउन की वजह से पर्सनली मुझे बहुत नुकसान हुआ है. मैं पहले जो कमा रहा था वो एकदम ज़ीरो हो गया है. लेकिन ये सिर्फ मेरे साथ नहीं सबके साथ हुआ है. मैं केवल अपना रोना क्यों रोऊँ. समय के साथ सब ठीक होगा उम्मीद है. स्क्रिप्ट की मांग है बड़े उम्र वाले कलाकरों की तो वो कैसे पूरी होगी? इसलिए हमें काम करने दिया जाना चाहिए. "

'सरकार के इस फैसले पर फिर से विचार करने को कहेंगे'


महाराष्ट्र सरकार ने एसोसिएशन और मेकर्स से बात करके कड़ी शर्तों के साथ जून महीने के आखिर तक काम करने की शूटिंग शुरू करने का आदेश दे दिया है.
इसमें महाराष्ट्र सरकार, प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और फ़ेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज़ (एफडब्ल्यूआईसी) ने मिलकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
इस मुद्दे पर एफडब्ल्यूआईसी के अध्यक्ष बीएन तिवारी ने बीबीसी हिंदी से कहा, "जो नए नियम हैं, उनके तहत 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले लोगों को सेट से दूर रहना होगा. इस उम्र वाले कलाकारों और टेक्नीशियंस की सेहत और सुरक्षा को देखते हुए यह फ़ैसला लिया जा रहा है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती है."
उन्होंने कहा कि वो इस फ़ैसले को लेकर सरकार से एक बार और विचार करने को कहेंगे.
उन्होंने कहा, ''अगर कोई व्यक्ति स्वस्थ है तो उसे काम करने की इजाज़त दी जाए. अगर सरकार उन्हें काम करने अनुमति दे तो हम उनसे आठ घंटे काम न कराकर सिर्फ चार घंटे ही काम कराने पर ज़ोर देंगे."


बीएन तिवारीइमेज कॉपीरइटBN TIWARI

'मेकअप आर्टिस्ट पीपीई किट पहनेंगे'

शूटिंग की तारीख़ के बारे में बीएन तिवारी ने बताया कि सरकार ने जून आख़िर से काम शुरू करने की अनुमति दी है.
65 साल की उम्र के अलावा कुछ और नियम हैं. जैसे सेट पर 33 फ़ीसदी क्रू मेंबर्स के साथ ही शूटिंग होगी, मेकअप आर्टिस्ट पीपीई किट पहनकर मेकअप करेंगे. और शूटिंग के दौरान साफ़ सफाई को बहुत ज़्यादा महत्व दिया जाएगा.

फ़िल्म या टीवी शो के मुख्य कलाकारों को कम नहीं किया जा सकता है लेकिन क्रू-मेम्बर्स की संख्या 33 प्रतिशत तक कम करने की आवश्यकता है और सेट पर बाकी गतिविधियों को दूर से वीडियो कॉन्फ्ऱेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा और कलाकारों की कास्टिंग भी अब ज़ूम या स्काइप के माध्यम से ही होगी.

बिना दर्शकों के शूटिंग



महाराष्ट्र सरकार ने नॉन कंटेनमेंट ज़ोन में शर्तों के साथ शूटिंग की इजाजत दी है और कहा है कि नियम तोड़े तो काम रोक दिया जाएगा. सरकार की ओर से शूटिंग फिर से शुरू करने के लिए नियमों की 16 पन्नों की गाइडलाइन जारी की गई है, जिनमें कुछ और नियम बनाए गए हैं जैसे सेट पर फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों का भी पालन करना होगा.

सेट पर डॉक्टरों और नर्सों का रहना अनिवार्य रहेगा. गर्भवती कर्मचारियों और गर्भवती कलाकारों को सेट पर जाने की अनुमति नहीं होगी. शूटिंग के दौरान भीड़ इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी जाएगी, फिक्शन और नॉन-फिक्शन शो की शूटिंग बिना दर्शकों के होगी. जैसे द कपिल शर्मा शो को दर्शकों के बिना शूट करना होगा. यानी पहले की तरह कई शो में ऑडियंस दिखाई जाती थी, अब उन्हें सेट पर आने की अनुमति नहीं होगी.
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