Sushant Singh Rajput: शिवसेना सांसद संजय राउत ने सुशांत के 'मानसिक स्वास्थ्य' को लेकर कही ये बात

Sushant Singh Rajput: शिवसेना सांसद संजय राउत ने सुशांत के 'मानसिक स्वास्थ्य' को लेकर कही ये बात

Shiv Sena MP on Sushant Singh Rajput: शिवसेना सांसद संजय राउत ने सुशांत के 'मानसिक स्वास्थ्य' को लेकर कही ये बात
अपने सनसनीखेज संपादकीय अंश में शिवसेना सांसद संजय राउत ने दावा किया कि स्वर्गीय अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को जॉर्ज फर्नांडीस की बायोपिक में लेने की वह सोच रहे थे लेकिन सुशांत के डिप्रेशन के कारण नहीं ले पाए। सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु होकर दो सप्ताह हो गये है, लेकिन उनका नाम अभी भी कई कारणों से समाचारों में चर्चा का कारण बना हुआ है। दिवंगत अभिनेता के बारे में बहुत सारे अज्ञात खुलासे हो रहे हैंl
यह उनके व्यक्तिगत, व्यावसायिक जीवन, उनके परिवार, उनके शौक और प्रतिभा या उन फिल्मों के बारे में है, जिनका वह एक हिस्सा बनने वाले थे, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। इसी तरह की कुछ बातों को शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को सामना में एक संपादकीय में उजागर किया हैl इसमें सुशांत के निधन को लेकर यह भी खुलासा किया कि वह सुशांत को लेकर जॉर्ज फर्नांडीस की बायोपिक बनाने वाले थे लेकिन सुशांत के डिप्रेशन के कारण ऐसा नहीं कर पाए।

संजय राउत ने अपने सनसनीखेज संपादकीय में सुशांत के डिप्रेशन को जिम्मेदार ठहरायाl इसके चलते उन्हें बायोपिक के लिए शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया। उन्होंने लिखा, 'बालासाहेब ठाकरे की बायोपिक के बाद हमने जॉर्ज फर्नांडीस की बायोपिक बनाने का फैसला किया था। हमने इसके लिए 2-3 अभिनेताओं को शॉर्टलिस्ट किया था। सुशांत उनमें से एक थे। लेकिन मुझे बताया गया कि एक प्रतिभाशाली अभिनेता होने के बावजूद वह अभी मानसिक रूप से स्थिर नहीं है। वह डिप्रेशन में है। वह सेट पर अजीब तरह से व्यवहार करता है जो सभी के लिए एक समस्या पैदा करता है। इंडस्ट्री के कुछ लोगों का कहना है कि सुशांत ने खुद ही अपने करियर को तबाह कर लिया।'
उन्होंने कहा, 'सुशांत कुछ दिनों से अकेला था। वह मानसिक रूप से स्थिर नहीं था। असफलता के कारण उन्होंने अपने बांद्रा स्थित आवास पर आत्महत्या कर ली। इससे बॉलीवुड का माफिया तंत्र और भाई-भतीजावाद उजागर हुआ है।' इसके अलावा संजय राउत ने इसे एक आत्महत्या कहा हैंl उन्होंने यह दावा भी किया कि सुशांत की उदासीनता, उनकी किटी में फिल्में, उनके बांद्रा अपार्टमेंट और कारों का किराया यह साबित करने के लिए पर्याप्त था कि वह आर्थिक रूप से तंगी का सामना नहीं कर रहे थे।
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