
अक्षरा सिंह (Akshara Singh) भोजपुरी फिल्मों की मशहूर एक्ट्रेस हैं. अक्षरा भोजपुरी के कई हिट फिल्मों में नजर आ चुकी हैं. उनका कहना है कि फिल्मी दुनिया में 'नेपोटिज्म' से ज्यादा 'ग्रुपिज्म' खतरनाक है. उन्होंने कहा कि हर जगह है नेपोटिज्म, मगर प्रतिभा को भी सम्मान मिलना चाहिए. बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद देशभर में बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर आक्रोश है. अक्षरा ने माना है कि हर जगह नेपोटिज्म है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि गैर फिल्मी बैकग्राउंड से आने वाले प्रतिभाशाली लोगों की अनदेखी हो.
उन्होंने कहा, 'जिसके माता-पिता जिस भी क्षेत्र में होते हैं, वे चाहते हैं कि उनका बच्चा उसी क्षेत्र में कदम रखे. इन सबके बावजूद कई लोग गैर फिल्मी पृष्ठभूमि से आए और अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ गए.' उन्होंने कहा, 'मेरे ख्याल से हर जगह प्रतिभा को सम्मान मिलना चाहिए और उसे आगे बढ़ने देना चाहिए. मेरे ख्याल से हम सभी कलाकारों को जो एक्टर बनने के लिए जाते हैं और प्रतिभाशाली हैं, उन्हें मौका मिलना चाहिए. साथ ही उसी प्रक्रिया से स्टार किड्स को गुजरना चाहिए. उन्हें भी ऑडिशन की प्रक्रिया से गुजरना चाहिए.'