 बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने 14 दिन पहले इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।  सुशांत सिंह राजपूत के जाने के बाद उनके परिवार पर तो जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।  सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को अब भी इस खबर पर यकीन नहीं हो पा रहा है।  सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उनका परिवार बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसी कठिन घड़ी में सुशांत सिंह राजपूत के दोस्त संदीप सिंह (Sandip Ssingh) उनके परिवार को हौसला देने की कोशिशों में जुटे हैं।
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने 14 दिन पहले इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।  सुशांत सिंह राजपूत के जाने के बाद उनके परिवार पर तो जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।  सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को अब भी इस खबर पर यकीन नहीं हो पा रहा है।  सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उनका परिवार बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसी कठिन घड़ी में सुशांत सिंह राजपूत के दोस्त संदीप सिंह (Sandip Ssingh) उनके परिवार को हौसला देने की कोशिशों में जुटे हैं।
एंमटरटेनमेंट वेब पोर्टल स्पॉटबायई से बात करते हुए संदीप सिंह ने बताया कि, मुझे लगता है कि सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के साथ साध पूरे देश का दिल टूट गया है। कोई भी इस घटना को शब्दों में बयान नहीं कर पा रहा है। मैं भी ये खबर सुनकर हैरान रह गया था। मुझे लगा कि ये खबर झूठ है। लोग मुझसे सवाल कर रहे थे लेकिन मैं किसी और ही दुनिया में चला गया था। 10 मिनट बाद मुझे ये समझ आया कि ये खबर सच है। मैं खुद को संभाल नहीं पा रहा है।
आगे संदीप सिंह ने कहा कि, मेरे दोस्त महेश शेट्टी के साथ मैं सुशांत सिंह राजपूत के घर पहुंचा। घर पहुंचने तक मुझे लग रहा था कि शायद सुशांत सिंह राजपूत ठीक है। घर पहुंचकर हमारी हालत खराब हो गई। वहां कोई भी परिवारजन नहीं था और हमें ये नहीं पता था कि करना क्या है। ये सब हो क्या रहा है। मैंने महेश शेट्टी को बुरी तरह से रोते हुए देखा वही मैं भी खुद को संभालने की कोशिश कर रहा था। जिसके बाद हमने सुशांत सिंह राजपूत को नीचे उतारा। मैं वो दृष्य चाह कर भी भुला नहीं पा रहा हूं। हमने पुलिस को बुलाया जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरु हुई।
संदीप सिंह ने आगे कहा कि, सुशांत सिंह राजपूत का परिवार ये खबर सुनकर बुरी तरह से टूट गया था। मैं सुशांत सिंह राजपूत का करीबी दोस्त था। ऐसे में ये मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं उसके परिवार को संभालूं। मुंबई आने के बाद मैं सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के साथ ही था। मैंने हॉस्पिटल से लेकर अंतिम संस्कार तक हर काम को पूरा किया है। बहुत सारे पेपर वर्क, इंवेस्टिगेशन हर तरह से पुलिस की मदद की लेकिन मैंने परिवार का साथ नहीं छोड़ा। मैं अब भी सुशांत सिंह राजपूत की फैमिली के टच में हूं और उनके पिता से फोन पर बात करता हूं। उनके लिए ये बहुत मुश्किल समय है। एक पिता ने अपना बेटा खोया है तो तीन बहनों ने अपने इकलौते भाई को गंवा दिया है।